Should adult films be banned on TV? : दोस्तों फिल्में देखना बुरी बात नहीं है, हमें फिल्मो से अच्छी और बुरी दोनों चीजें सीखने को मिलती है। ये हमारे दिमाग के ऊपर निर्भर करता है कि हम फिल्मों से अच्छी चीजें लेते है या बुरी। लेकिन जिस प्रकार से इंसानी दिमाग काम करता है उससे पता चलता है कि हम बुरी चीजों को जल्दी ग्रहण कर लेते है। इसलिए फिल्म निर्देशक को पैसे कमाने के लालच में अश्लील फिल्में नहीं बनानी चाहिए।
अश्लील फिल्में जिन्हें देखनी है वो छुपकर पोर्न साइट पर देख लेते है। लेकिन आप टीवी पर अश्लील फिल्मे न दिखाए आप समाज को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सोच को अपनी फिल्मों से बदल सकते है। क्यूंकि जो फिल्मे हमें दिखाई जाती है वो हम अपने घर में अपने परिवार के साथ देखते है। हमारे छोटे बच्चे, हमारे बड़े बूढ़े, हमारे घर की महिलाएं, भी इस परिवार में है।
भारत की युवा पीढ़ी में अश्लीलता इतनी ज्यादा फैलती जा रही है कि लोगो ने अपनी सभ्यता को ही पीछे छोड़ दिया है। वैसे तो इंटरनेट बहुत ही काम की चीज है। लेकिन इसका हमारी लाइफ में बुरा असर भी पड़ता है। जैसे कि आज के समय में इटरनेट पर अश्लील फोटो वीडियो जगह जगह लोगो ने वायरल कर रखी थी। जिसे देख कर बहुत से लोगो में अश्लीलता फैलती जा रही है। पहले की फिल्मों में ओर आज की फिल्मों में बहुत ही ज्यादा फर्क है।
अभिनेत्री का अंग प्रदर्शन करना।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि फिल्मों में सबसे ज्यादा अभिनेत्री द्वारा हर एक सीन के बाद उनके अंगों का प्रदर्शन किया जाता है। जोकि हमारे समाज के लिए बिल्कुल ही गलत दायरे में है। इससे लड़कियों की इज्जत का मज़ाक बनाया जा रहा है। जोकि हमारे समाज पर बुरा असर पड़ता है। लोगो में इसे देख कर अश्लीलता लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए फिल्मों में यह सब दिखाने से अच्छा है। कि कुछ अच्छा दिखाए जिससे हमारे समाज को एक अच्छी सोच मिले।
फिल्मों में आइटम सॉन्ग दिखाना
दोस्तो आप सभी ने देखा होगा कि हमारी फिल्म में कई बार अच्छी स्टोरी तो दिखाई देती है। लेकिन बीच बीच में आइटम सॉन्ग्स को इस कदर दिखाया जाता है। कि फिल्म की स्टोरी तो बेकार हो ही जाती है। साथ ही अभिनेत्रियों को विलेन द्वारा नचाया जाता है। जिससे महिला सशक्तिकरण पर भी बुरा असर पड़ता है।
इन सॉन्ग्स की मीनिंग भी गलत होती है। इस प्रकार के आइटम सॉन्ग्स अश्लीलता को बढ़ावा देते है। और महिलाओ को एक प्रोडक्ट के समान समझ कर रखा है। उसे एक कड़पुटली समझा जा रहा है। मेरी सरकार से अपील है कि ऐसे अश्लील सॉन्ग्स को बैन करे। इसकी जगह कुछ अच्छी सोच को प्रदर्शित करें।
फिल्मों में फैमिली को ना दिखाकर कपल रिलेशनशिप दिखाना।
आजकल की फिल्मों में परिवार को नहीं बल्कि कपल रिलेशनशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे हर घर का परिवार पिछड़ता जा रहा है। फैमिली अब सिंगल होती जा रही है। पहले जैसा अब कुछ नहीं बचा है। भारत की सभ्यता संस्कृति, आदि सभी अब बिखरती नजर आ रही है। यह सब फिल्म जगत की मेहरबानी है।
क्यूंकि आजकल सब फिल्मों में जैसा देखते हैं। लोग अपनी रियल लाइफ में भी इसे अपनाते हैं। इसलिए हमारी भारत की फिल्मों में बहुत कुछ बदलाव करने की जरूरत है। क्यूंकि फिल्म ही हमारी सोच पर घेहरी छाप छोड़ती है। इसलिए अगर हमें अपनी फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव लाना है तो हम सभी को गलत फिल्मों और अश्लीलता को देखना छोड़ना होगा तभी हमारी फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव हो सकेगा।
अभिनेता द्वारा अभिनेत्री को छेड़ना व परेशान करना।
दोस्तो फिल्म देख लो या कोई सीरियल सभी में अभिनेता द्वारा अभिनेत्री को उसका पीछा करके उसे छेड़ा व परेशान किया जाता है। जोकि बिल्कुल ही गलत है। इससे हमारे युवाओं में भी रियल लाइफ में लड़कियों का पीछा करके उसे छेड़ा जाता है। उसे एकतरफा प्यार की वजह से लड़कियों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इसलिए ऐसे फिजूल सीन को ना दिखा कर कुछ प्रेरणादायक सीन को उजाकगर करें जिसे देख कर सभी के मन व दिमाग में सकारात्मक सोच आए।
अभिनेता व अभिनेत्री द्वारा स्मोकिंग करना
हमारी फिल्म जगत में स्मोकिंग को फैशन के तौर पर दिखाया जा रहा है। हीरो हो या हीरोइन सभी नशा स्मोकिंग जैसे वाहीयाद हरकतों को समाज में बड़ा रहे हैं। जोकि की हमारी युवा पीढ़ी ने भी अपनी जिंदगी में नशे को एहमियत देते जा रहे हैं। जो ना सिर्फ उनकी हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। बल्कि उनकी जिंदगी में नशे ने तबाही मचा रखी है। तो मेरी आप सभी से गुजारिश है कि फिल्म जगत में ऐसी कोई प्रतिक्रिया ना करें जिससे हमारे समाज में नकारात्मक विचारों का प्रकोप आए। बल्कि फिल्मों में ऐसा मैसेज छोड़े जो हमारे समाज की युवा पीढ़ी को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल सके।
लेखक – श्याम
Post a Comment