Essay on Diwali in Hindi: हम सभी जानते है कि हमारे देश भारत में बहुत सारे त्यौहार मनाए जाते है। जैसे- होली,जन्माष्टमी, दशहरा, दिवाली इत्यादि। इन सभी त्योहारों में दिवाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार है। दिवाली को लोग बड़ी उत्साह से मनाते हैं। दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है यानी कि दीपों का त्यौहार। इसके साथ ही दिवाली रोशनी व खुशी तथा भरपूर मनोरंजन का त्यौहार है। तो अब हम इस निबंध में दिवाली के बारे में जानेंगे ।
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है। और यह भी कहा जाता है कि आज के दिन ही भगवान श्री राम रावण को मारकर अयोध्या लौट कर वापस आए थे। और उनके आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने उनका स्वागत घी के दीये जलाकर किया था। दीपों की रोशनी से सारी अयोध्या जगमगा उठी । और इसी दिन से हर साल दिवाली मनाई जाने लगी । दिवाली को मनाने के लिए सभी सरकारी स्कूलों और नौकरियों की छुटटी दी जाती है।
दिवाली का इतिहास
दिवाली के इतिहास के बारे में बहुत सी कहानियां जुड़ी हुई है। कुछ लोगों का कहना है कि इस दिन भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप को मारा था। और कुछ कहते है कि द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस को कार्तिक अमावस्या को राक्षस का वध किया था।
इनमे से सबसे प्रसिद्ध कहानी की त्रेता युग में भगवान राम ने रावण को मारकर चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या नगरी आए थे।लोगो ने फूलों और दीपों से पूरी अयोध्या को सजाया था और तब से हर साल दिवाली मनाई जाती है। इसी दिन ही जैनियों के प्रमुख महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था। कुछ लोग कहते है कि आज के दिन ही माँ शक्ति ने महाकाली का रूप लिया था। इन्ही सब कारणों से दिवाली मनाई जाती है।
दिवाली का महत्व
दिवाली का हमारे जीवन में बहुत महत्व है यह अंधेरे को हटाकर प्रकाश को लाती है। भगवान राम अच्छाई का रूप थे और रावण बुराई का राम ने रावण को मारकर दुनिया को यह बताया कि जीत हमेशा सच्चाई की होती है । इसी तरह हमे अपने अंदर बुराई को ख़त्म करके सबके साथ मिलजुलकर प्यार से और खुशी से रहना चाहिये ।
दिवाली की तैयारी की वजह से ही लोग न केवल अपने घर की साफ-सफाई करते है बल्कि अपने आस-पास को भी साफ़ करते है। दिवाली का त्यौहार हमें हमारी संस्कृति व परंपरा आओ से जोड़ता है।और यह हमें यह सीख भी देता है कि जीत हमेशा सच और अच्छाई की होती है।
दिवाली कैसे मनाई जाती है
दिवाली की तैयारियां दशहरे के बाद से ही शुरू हो जाती है लोग अपने घरों में साफ़ सफाई शुरू कर देते हैं इस दिन बड़ो से लेकर बच्चे तक सभी बहुत खुश होते है। सभी नए कपड़े पहनते है और एक-दूसरे से गले मिलकर दिवाली की बधाई देते है। लोग अपने रिश्तेदारों, मेहमानों व दोस्तों को मिठाई व तोहफे देते है। सभी के घरों में पकवान और तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते है। आज के दिन लोग भगवान गणेश और महालक्ष्मी की पूजा करते है ताकि मां लक्ष्मी की कृपा सब पर बनी रहे और सबके जीवन में खुशहाली आए।
दिवाली पर बच्चे कई तरह के पटाखे व फुलझड़िय जलाते है और बहुत आतिशबाजी की जाती है जिससे पूरा असमान पटाखों की गूंज से तथा रंग बिरंगी रोशनी से भर जाता है जो देखने में बहुत ही अच्छा लगता हैं। इसके साथ लोग अपने घरों में लड़िया लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। दिवाली पर लोग नए कपड़े, मोमबत्ती, पटाखे, मिठाई व रंगोली बनाने के लिए रंग और घर सजाने के लिए बिजली से जलने वाली झालर लगाते है।और दिवाली को देश के अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।
दिवाली से होने वाले नुकसान
लोग दिवाली के त्यौहार पर पटाखे जलाते है जो कि सबके लिये खतरनाक और घातक होते है जिनसे बहुत सी घटनाएं सामने आ सकती है।जैसे-अखबारों में सुनने को मिलता हैं कि पटाखों के कारण आग तक लग जाती है जिससे जान-माल की हानि होती है। पटाखों की आवाज से बड़े-बूढ़ो को बहुत सी परेशानियो का सामना करना पड़ता है और जानवरों को भी इस का प्रभाव झेलना पड़ता हैं।
दिवाली से भूमि प्रदूषण,जल प्रदूषण, और ध्वनि प्रदूषण फैलता है बहुत से त्वचा संबंधी रोग और श्वसन संबंधी रोग जैसे-अस्थमा इत्यादि हो जाते हैं।इसलिए हमें पटाखे नहीं जलाने चाहिए। बहुत से लोग दिवाली पर शराब का सेवन करते है और जुआ खेलते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। और इस तरह की वार्ताएं हमारे देश की कीर्ती में दाग लगाते है जो कि बहुत ही शर्म की बात है।
निष्कर्ष
दिवाली दीपों का त्योहार है और इसे पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पर पटाखे जलाने से प्रदूषण फैलता है जो कि सबके लिए हानिकारक हैं इसलिए हम सभी को दिवाली सुरक्षित व प्रदूषण रहित मनानी चाहिए। मुझे आशा है कि आप सभी दिवाली अच्छे से मनाएंगे तो हमारे देश का गौरव बढ़ेगा।
हमें त्योहारों को धूमधाम से मनाना चाहिए साथ अपनी सुरक्षा को भी ध्यान में रखना चाहिए। हमे अपनी संस्कृति और परंपराओं को आगे पूरी दुनिया तक बढ़ाना चाहिए ना कि उनको बदनाम करना चाहिए। तो आप सभी को दिवाली की बहुत सारी शुभकामनाएं मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरा निबंध अच्छा लगे ।
-पूजा गौतम
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