Republic Day Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में
26 January Par Nibandh: गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है. जो हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बन कर तैयार हो गया था लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था. हमारे संविधान को बनाने में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे. इस दिन इसलिए किया गया था क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को इस दिन पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
Republic Day (गणतंत्र दिवस) जो कि भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है. जिसे भारत का हर एक इंसान फिर चाहे किसी भी धर्म, जाति का हो पूरे सम्मान और हर्षोल्लास के साथ एक त्यौहार के रूप में मनाते हैं. कहा जाता है 26 नवम्बर 1930 को सबसे पहले भारत को पूर्ण स्वराज के रूप में घोषित किया गया था.
फिर जब आजादी मिली तो देश मे हर जगह आरजकता फैल गई थी और उसे रोकने के लिए भारत के माननीय सदस्य ने पूरे देश का भ्रमण कर, पांच देशों के संविधान के कुछ कानून जो उन्हें अच्छे लगें जैसे – अमेरिका का संविधान, ब्रिटेन का संविधान, फ्रांस का संविधान, कनाडा का संविधान और आयरलैंड का संविधान इन सभी देशों के कानून को हमारे संविधान में डाला गया, और इतना ही नहीं पूरे विश्व में हमारा ही देश ऐसा है. जिसका संविधान लिखित रूप में है और सबसे बड़ा संविधान है.
हमारे संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे थे. 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सम्पूर्ण रूप से तैयार हो गया था और पारित भी कर दिया गया था. लेकिन लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था और इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे और आपको बता दे 26 नवम्बर को संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर की याद में 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
गणतंत्र दिवस हर एक भारतीय बड़े ही सम्मान के साथ मनाता है और तो और यह गणतंत्र दिवस सरकारी स्कूलों, कार्यालय, कॉलेजों आदि में बड़े ही शानदार तरीके से मनाते है. इन जगहों पर बच्चे बड़े आदि भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता, कविता, देश भक्ति गीत आदि में भाग लेते है और जो बच्चे बेहतरीन करते है उन्हें सम्मानित किया जाता है.
भारत की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस को इंडिया गेट पर मनाया जाता है जो की बहुत ही खास होता है और सभी भारतवासियों का केंद्र होता है. यहां पर देश विदेश के लोगों को आमंत्रित किया जाता है. इंडिया गेट पर परेड़ होता है और सबसे पहले प्रधानमंत्री द्वारा शाहिद ज्योति का अभिनन्दन होता है और साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाता है.
इस दिन तीनो सेना के प्रमुख राष्ट्रीयपति को सलामी देते हैं. इस दिन भारत के सभी शास्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है जैसे – थल सेना, वायु सेना आदि ताकि भारत वासियों को गर्व हो और यह भरोसा भी की वह सुरक्षित है. इस दिन वीर जवानों और शहीदों को सम्मानित किया जाता है. अंत में देशभक्ति गीत राष्ट्रीय गान गा के तिरंगा झंडा फहराया जाता है.
संविधान संशोधन : जब संविधान सभा ने संविधान का निर्माण किया तो उनकी सोचा दूरगामी थी. वह जानते थे कि हमारा देश चारों दिशाओं से विकास कर रहा है इसलिए आगे चलकर संविधान में कुछ परिवर्तन होंगे और इसलिए उन्होंने संविधान का निर्माण इस तरह किया कि हम समय समय पर परिवर्तनों के अनुसार संविधान में संशोधन कर सकते हैं. इसकी तीन विभिन्न प्रक्रिया है. संविधान में सबसे पहला संशोधन 18 जून 1951 में हुआ और अब तक संविधान में 100 संशोधन हो चुके हैं.
संविधान सभा के सदस्य: कुल 284 सदस्य हैं जिन्होंने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेंजो पर हस्ताक्षर किए, इनमे से 15 महिलाएं भी शामिल थी. इसके बाद 26 जनवरी को संविधान भारत के अस्तित्व में आया था.
संविधान के जन्म दाता : 29 अगस्त 1947 जब संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए तब एक समिति की स्थापना की गई . जिसके अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर थे और संविधान के निर्माता भी, इसलिए इन्हें संविधान का जन्म दाता भी कहा जाता है.
संविधान : सम्पूर्ण विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा और लिखित रूप में है. जब संविधान लागू किया गया तब इसमें 395 अनुच्छेद थे, 8 अनुसूचित और 22 भाग थे. जो वर्तमान में बड़कर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचित और 25 भाग हो गए हैं. साथ ही इसमें कुछ ऐसे भी प्रावधान है जो पहले नही थे.
अंतत हमारा देश विभिन्न जाति धर्म के लोगों का है. इसलिए यहाँ पर धर्म निरपेक्षता की नीति अपनाई गई है. यहाँ का हर एक देशवासी इस दिन को गर्व के साथ मनाता है शहरों से लेकर गांव तक गणतंत्र दिवस को पूरे हर्षोल्लास से मनाते है.
-ज्योति कुमारी
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