ओजोन परत (Ozone Layer) पर निबंध: पर्यावरण हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है यह तो सभी को पता है। पर्यावरण के लिए हम कुछ करते हैं या नहीं इसका प्रभाव सभी मनुष्य पर पड़ता है कोई पर्यावरण का हनन करता है। कोई क्षति पहुंचाता है साधारण शब्दों में देखा जाए तो मनुष्य द्वारा मानव जाति द्वारा पर्यावरण का काफी हुआ है।
पर्यावरण तथा संसाधनों की सुरक्षा राष्ट्रीय के लिए एक मुख्य मुद्दा बनता जा रहा है जैसे-जैसे पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है।वर्तमान पीढ़ी के सम्मुख ओजोन परत (Ozone Layer) प्रभाव तथा ग्लोबल वॉर्मिंग और ग्रीन हाउस प्रभाव एक प्रमुख समस्या है। ग्लोबल वॉर्मिंग तथा ग्रीन हाउस प्रभाव की प्रक्रिया को समझने के लिए ओजोन परत (Ozone Layer) तथा इसकी पृथ्वी को बचाए रखने की महत्वपूर्ण भूमिका को समझना आवश्यक है।
ओजोन परत का महत्व | Ozone Layer Importance
ग्रीन हाउस गैसे;-
यह जितनी पृथ्वी के लिए आवश्यक है उतनी ही खतरनाक भी है। यह पृथ्वी को गर्म बनाए रखने का कार्य करती है परंतु अगर यह ऐसे ही चलता रहा तो पृथ्वी का ताप अत्यधिक बढ़ जाएगा जो मानव जाति के लिए काफी मुश्किलों की परिस्थितियां उत्पन्न कर सकता है।
ओजोन परत का प्रभाव | Effect of Ozone Layer
ओजोन की मात्रा बढ़ने से मानव स्वास्थ्य को खतरा है तथा इससे फसलों को भी नुकसान हो सकता है और जो उनके कारण आंखों में जलन तथा दमा जैसे रोग हो सकते हैं।
Uv किरणें जिन्हें पहले ओजोन परत पूरी तरह से अवशोषित कर लेती थी अब वह कुछ सीमा तक इस ओजोन छिद्र के जरिए पृथ्वी के निचले वातावरण तक पहुंच रही है। पृथ्वी की सतह पर धीरे-धीरे इस मात्रा में वृद्धि होती जाएगी uv किरणों की अत्याधिक मात्रा पृथ्वी पर जीवन के लिए हानिकारक है।
यह मानव जीवन पर निम्न प्रकार से निम्न क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकती है।
1:-वनस्पतियां
2:-संसाधन
3:-खाद्य श्रृंखला
4:-द्रव्य
वायुमंडल में ओजोन की मात्रा प्राकृतिक रूप से बदलती रहती है यह मौसम वायु प्रवाह तथा अन्य कारकों पर निर्भर करता है। मनुष्य अपने जीवन में लाभ प्राप्त करने में पर्यावरण से जुड़ी समस्त क्षेत्र पर प्रभाव डाल रहे हैं यह प्रकृति को अपने लाभ के लिए नुकसान पहुंचाते हैं जो धीरे-धीरे गंभीर स्थिति को उत्पन्न करता है।
ग्रीन हाउस के मानव जीवन पर प्रभाव।
2:-इसका प्रभाव मानव जीवन के संसाधनों पर भी पड़ता है जैसे जल प्रकृति पदार्थ इत्यादि।
3:-०तापमान बढ़ने के कारण बर्फ की चोटियों के पिघलने के आसार हैं जो कई तटीय क्षेत्रों में रहने वालों के व्यापार को भी नष्ट कर सकती है।
4:- क्षेत्रों का जलमग्न होने का खतरा है।
तापमान में वृद्धि के कारण ऐसे कई जीवाणुओं के समाप्त होने का खतरा है जो पर्यावरण में संतुलन को बनाए रखते हैं मनुष्य जिसका उचित लाभ उठाते हैं।
निष्कर्ष:-
आज कुछ मानवीय क्रियाकलापों ओजोन परत को क्षति पहुंचाकर वायुमंडल की ऊपरी सतह में इसकी मात्रा कम कर रहे हैं। मानव अपने ही कार्यों द्वारा अपने जीवन को प्रभावित कर रहा है।
ग्रीन हाऊस ग्लोबल वार्मिंग ओजोन परत की कमी इन सभी से मनुष्य के जीवन के साथ-साथ प्रकृति संसाधनों व पर्यावरण पर इसका हानिकारक असर होता है।
जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण अन्य पर्यावरणीय गतिविधियां इसी का स्त्रोत है।
– पूजा
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