Essay on poverty in Hindi: ग़रीबी एक ऐसी समस्या है। किसी भी देश के लिए जो कभी खत्म होती ही नहीं है। मनुष्य के जीवन में ग़रीबी ऐसे वास कर रही है। मानो उभरने की चाह है किन्तु उभर नही पा रही है। जिससे अमीर और अमीर बन रहे हैं और ग़रीब और ग़रीब होते जा रहे हैं।
ग़रीबी एक ऐसी मनोस्थिति बन गई है जो हमें हमारे जीवन में दुख-दर्द और निराशा जैसी समस्याओं को जन्म देने का कार्य कर रही है। ग़रीबी के कारण आज लोगों को अच्छे से न शिक्षा मिल रही है और न ही सेहत, यह तक की सर पर रहने को छत भी नहीं है।
ग़रीबी का अर्थ :
निर्धनता के कारण :
जनसंख्या वृद्धि
कम कृषि होना
प्राकृतिक आपदा
जानलेवा बीमारी या संक्रमण का फैलाव
लैंगिक असमानता
पर्यावरण की समस्या
जातिवाद की समस्या
अशिक्षा की समस्या
बेरोजगारी
राजनीतिक हिंसा
भ्रष्टाचार की समस्या
प्रोत्साहन की कमी
छुआछूत की समस्या
अपने अधिकारों का पता न होना
देश में बदलती परिस्थितियों और अर्थव्यवस्था
ऐसी न जाने और कितनी समस्या है। जो देश मे आम जनता को ऊपर उठाने नहीं दे रही है। जिस वजह से आज उन गरीब लोगों को मजबूरन ऐसी जीवन जीने को विवश होना पड़ रहा है। ग़रीबी एक ऐसी समस्या बन चुकी है। जो हमारे देश नहीं अपितु पूरे विश्व को आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रभावित कर रही है।
ग़रीबी एक समस्या :
ग़रीबी एक बीमारी की तरह है। जो दिन पर दिन बढ़ रहा है। घटने की जगह और यदि ऐसा ही चलता रहा। तो देश में अपराध भी बढ़ते ही रहेंगे न कि घटेगा क्योंकि अशिक्षा और अन्य जीवन जीने की मामूली सी चीजें भी उन्हें उपलब्ध नही हो पाएगी। तो वह अपना जीवनयापन करने के लिए गलत राह पर चल पड़ते हैं। जिससे देश में अपराध भी धीरे धीरे बढ़ने लगते हैं।
ग़रीबी के कारण :
जनसंख्या :
आज के इस समय में भारत में सबसे ज्यादा जनसंख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। जिससे हमारे देश में गरीबी अधिक बढ़ती जा रही है। जनसंख्या को काबू के तहत सरकार ने भी अधिक कदम उठाए। लेकिन सरकार की यह नीति ज्यादा समय तक ना चल कर वहीं रुक जाती है। ना ही इस पर कोई भी कड़ा कदम उठाया जाता।
इसलिए आप सभी को मिलकर जनसंख्या पर काबू रखना पड़ेगा। मेरा भारत सरकार से यह अनुरोध है कि बढ़ती जनसंख्या पर काबू करने के लिए कड़े से कड़े कानून लागू किए जाए। तभी गरीबी पर काबू हो पाएगा। हमारे देश की गरीबी तभी मिट पाएगी।
गरीबी अमीर में असमानताएं :
शिक्षित न होना :
फसलों का बर्बाद होना :
ऐसे और न जाने कितने कारण है। आज जिस वजह से हमें ग़रीबी देखने को मिल जाती है या फिर लोग माध्यम से बिल्कुल गरीब हो जाते हैं। यह इतने मजबूर हो जाते हैं कि इन्हें रात भी किसी सड़क के किनारे बतानी पड़ती है या फिर वही पर जुगि झोपड़ी बन कर रहते हैं।
ग़रीबी के प्रभाव :
जिसका कारण दिन ओर दिन बढ़ता भ्रष्टाचार है। इसका प्रभाव यह पड़ा कि जो भी गरीबों के उत्थान के लिए पैसे खर्च किए गए। उनका 1 प्रतिशत ही लोगों को मिल और वो भी काफी धके खाकर। जिस कारण देश की स्थिति वहीं की वहीं रह गई और अमीर अमीर होते चले गए गरीब तो है ही गरीब।
ग़रीबी को नियंत्रित करने के उपाय :
सरकार को जो जुगी झोपड़ी में रहते हैं उन्हें घर मुहिया करना होगा। ताकि वह सड़क या रास्ते पर न सोए और इन्हें बेरोजगारी से भी उभरे। मैं जानती हूँ कि यह सब सरकार पहले से ही कर रही हैं किन्तु उसका परिणाम कुछ खास आज तक देखने को नहीं क्योंकि जो भी सरकार ने गरीबों के उत्थान के लिए खर्च किया। वो तो बिचौलियों के पास चला गया। जिसके लिए जरूरी है। इन बिचौलियों का खत्म होना। तभी हमारा देश आगे बढ़ पाएगा। वरना पीछे तो किसी बात में भी नहीं है हमारा देश।
निष्कर्ष :
अंततः ग़रीबी एक ऐसी खाई है। जिसमें से हर कोई बाहर निकलना चाहता है और वह उस दास की तरह नहीं रहना चाहता। जो मर्जी हो या न हो गुलामी करनी है तो बस करनी है। गरीब परिवार भी इंसान हैं। जो शौक से नहीं अपितु अपनी मजबूरियों के कारण ऐसा जीवन जीने के लिए मजबूर हैं जिसमे उन्हें न तो शिक्षा प्राप्त होती हैं न ही दो वक्त की रोटी फिर पौष्टिक आहार की बात ही दूर की है। जिस कारण आए दिन यह कुपोषण यदि जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इन सब को खत्म करने के लिए जरूरी है कि सरकार कोई सख्त से सख्त कदम उठाए तभी उनकी स्थिति में सुधार आएगा।
मैं ज्योति कुमारी, LifestyleChacha.com पर हिंदी ब्लॉग/ लेख लिखती हूँ। मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हूँ और मुझे लिखना बहुत पसंद है।
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